
आज राष्ट्रीय शिक्षा दिवस है यानि देश के पूर्व शिक्षा मंत्री स्व मौलाना अबुल कलाम आजाद का जन्मदिन। आज ही के दिन यानि 11 नवम्बर 1883 को उनका जन्म हुआ था। भारत जिसे हाल ही में दुनिया की महाशक्ति अमेरिका के राजा बराक हुसैन ओबामा ने अपनी भारत यात्रा के दौरान संसद भवन में दिए भाषण में "विश्वशक्ति" का संबोधन दिया है, उस देश में 10 नवम्बर तक किसी भी माध्यम से जनसामान्य को किसी तरह की सूचना नहीं दी गई कि 11 नवम्बर को "राष्ट्रीय शिक्षा दिवस" है। जबकि नए साल, वेलेंटाइन डे या किसी और दिन के महीनों पहले इनके बारे में घंटों विस्तार से समाचार पढ़े जाते हैं और एक-एक पन्ने का परिशिष्ट निकाला जाता है, चौराहों पर होर्डिंग्स लगवाये जाते हैं, नेता, अभिनेता, प्रशासनिक अधिकारी वगैरह की आदमकद फोटो वाले विज्ञापन छपवाए जाते है। पर दुर्भाग्य है देश का कि राष्ट्र की शिक्षा को प्रतिपादित करने वाले इस दिन का कोई प्राचार-प्रसार नहीं। कुछ को इस बारे में पता नहीं है तो कुछ जानकार भी अनजान बने हैं। धन्य है ऐसी "विश्वशक्ति"... फिर भी कहने में क्या जाता है - "मेरा भारत महान'... और हाँ! अंत में "जय हिंद, जय भारत!" कहना तो हमारे देश की परंपरा है न..!
मौलाना आज़ाद को शत-शत नमन!!
4 comments:
बहुत सही बात कही है आपने.
ज्ञान इस महासागर को हम कैसे भुला सकते हैं
अल्लाह उनपर रहम करे
dabirnews.blogspot.com
सही कहा, हमारा भी नमन!
Maulana Azad ko mera bhi shat shat naman!
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