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Sunday 19 September 2010

मैं बच्चा.. हूँ!


अब मैं कोशिश नहीं करता,
कोशिश करना मुझसे आता नहीं!
जब मैं बच्चा था,
मैंने कोशिश की थी कि
जल्द बड़ा हो जाऊं,
मैंने कोशिश की थी कि
देश से ग़रीबी हटे,
लाचारी और बेकारी का
यहाँ नामोनिशान न रहे
लेकिन न तो मैं बड़ा हुआ
और न ही मेरी कोशिश काम आई,
हमेशा मुझे बच्चा कहकर
प्यार से समझाया जाता था
बेटा! अभी तुम बच्चे हो
इन कामों के लिए कच्चे हो

***

जब मैं घर से निकलता था
रास्ते में रोज़ मुझे एक अम्मा
सिर पर भारी बोझ लिए
पेट भरने भटकती थी,
मैंने कोशिश की थी कि
उसका बोझा अपने
कंधे पर उठा लूं लेकिन
मेरी कोशिश फिर नाकाम रही
जानते हैं क्यों, क्योंकि
वो खुद नहीं चाहती थी कि
उसका बोझ एक बच्चा उठाए
वो बड़े प्यार से कहती थी
तुम अभी बच्चे हो
सीधे, सादे, सच्चे हो

**

एक परी सरीखी लड़की थी
रोजाना छत पर दिखती थी
कुछ कहने की मैंने कोशिश की
मैंने उससे ये कह डाला क्या
मेरा साथ निभाओगी
उसने मुस्काके मुझे कहा
तू बच्चा है भोला भाला
हाँ! लेकिन तुम बड़े अच्छे हो
पर कुछ भी हो अभी बच्चे हो!!
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