मेरा यह चिठ्ठा "मातृभाषा हिंदी" को प्रोत्साहित करने का ज़रिया है इस चिठ्ठे में प्रकाशित तमाम रचनाएँ मेरी मौलिक भी हो सकती हैं या फिर किसी नामचीन शायर/लेखक की भी हो सकती हैं अगर किसी अन्य शायर/लेखक की रचनाएं इस पर प्रकाशित की जाती हैं तो उनका नाम विधिवत रचना के अंत में उल्लिखित होगा किसी भी विवाद या प्रतिकार की कतई गुंजाइश नहीं!
सर्वाधिकार सुरक्षित @ मौत भी शायराना चाहता हूँ!
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3 comments:
Anek shubhkamnayen!
शुभकामनाएं।
बहुत बधाई व शुभकामनाये....
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