मुझसे ये न पूछो
कहाँ रहती है मेरी "माँ "
कहाँ रहती है मेरी "माँ "
जिंदगी के हर अहसास में
सबसे पास रहती है मेरी "माँ "
मुझे सबसे ज्यादा समझती है
सबसे प्यारी है मेरी "माँ " !!!!
जो शब्द कह भी न पाऊं उसे
आँखों में तलाश कर लेती है "माँ "
मेरे हर मर्ज़ की दावा
हरदम होती है मेरी "माँ "
3 comments:
अच्छी प्रस्तुति है ..लेकिन हर पंक्ति के बीच में यह चित्र रचना की लय को तोड़ रहे हैं ...
सबकी आँखों का नूर होती है "माँ "
जिससे ना रह सके कोई दूर
वो होती है "माँ "
Sach hee to hai!
maa to maa hai
maa ki koi bhi upmaa kahan hai ?
aapki prastuti achhi lagi..aabhar
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