लोग कहते हैं कि मेरा अंदाज़ शायराना हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब जाकर ये अंदाज़ पाया है...
Saturday, 15 January 2011
मुझे सताना छोड़ दे
उससे कह दो मुझे सताना छोड़ दे
दूसरों के साथ रहकर मुझे हर पल जलाना छोड़ दे
या तो कर दे इनकार मुझसे महोब्बत नहीं
या गुजरता देख मुझको पलटकर मुस्कुराना छोड़ दे
ना कर बात मुझसे कोई गम नहीं
यूँ आवाज सुनकर मेरी झरोखे पर आना छोड़ दे
कर दे दिल-ए-बयां जो छिपा रखा है
यूँ इशारों में हाल बताना छोड़ दे
क्या इरादा है बता दे अब मुझे
यूँ दोस्तों को मेरे किस्से सुनाना छोड़ दे
है पसंद मुझको जो लिबास तेरा
उस लिबास में बार-बार आना छोड़ दे
ना कर याद मुझे बेशक तू
पर किताबो पर नाम लिखकर मिटाना छोड़ दे
खुदा कर सके ये किस्सा आसान अगर
या तो तू मेरी हो जा या मुझे अपना बनाना छोड़ दे
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1 comment:
या तो कर दे इनकार मुझसे महोब्बत नहीं
या गुजरता देख मुझको पलटकर मुस्कुराना छोड़ दे
very nice.
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