Saturday 19 March 2011

सूरज सा तेज हो आपमें...


प्यारे भैया (रामनारायण गौतम)..,


इतनी ख़ुशी ज़िंदगी में कभी नहीं हुई, जैसे ही पता चला आपने IAS परीक्षा की दूसरी बाधा (मैन्स) पार कर ली है, कदम अपने आप ही ज़मीन से ऊपर उठ गए... ये ख़ुशी मेरे लिए दुनिया की तमाम खुशियों से बढ़कर है... मुझे लेकिन ज़रा अफ़सोस इस बात का है कि इस ख़ुशी को आपके साथ नहीं जी पा रहा हूँ... मैं आपसे चार सौ किलोमीटर दूर भोपाल में हूँ... माफ़ कीजिएगा॥ लेकिन यकीन मानिए भैया मैं बहुत खुश हूँ... शुभकामनाएं...


""सूरज सा तेज हो आपमें, आप चंद सा चमकें, सोने का रंग हो, सदा हीरे सा दमकें...""



आपका स्नेहाधिकारी


"KISHAN"

1 comment:

Shubham Jain said...

aapko aur aapke bahiya ko bahut bahut badhai...

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