ऐ ख़ुदा इससे पहले कि मौत मुझे रुसवा कर दे
तू मेरी रूह मेरे ज़िस्म को अच्छा कर दे
ये जो हालत है मेरी मैंने ही बनाई है
इसे जैसा तू चाहता है अब वैसा कर दे
मेरे हर फैसले में तेरी रज़ा शामिल हो
जो तेरा हुक्म हो वो मेरा इरादा कर दे
मुझमें जो बीमार है उसको तू अच्छा कर दे
सुनले एक गुजारिश मुझे फिर से तू बच्चा कर दे!!
लोग कहते हैं कि मेरा अंदाज़ शायराना हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब जाकर ये अंदाज़ पाया है...
Wednesday, 2 March 2011
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