Monday 4 October 2010

पत्थर देवता हो जाएगा

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा

हम भी दरिया हैं हमें अपना हुनर मालूम है
जिस तरफ भी चल पड़ेंगे रास्ता हो जाएगा

कितनी सच्चाई से मुझसे ज़िन्दगी ने कह दिया
तू नहीं मेरा तो कोई दूसरा हो जाएगा

मैं खुदा का नाम लेकर पी रहा हूँ दोस्तों
ज़हर भी इस में अगर होगा दावा हो जाएगा

सब उसी के हैं हवा, खुशबू, ज़मीन--आसमां
मैं जहाँ भी जाऊंगा उसको पता हो जाएगा

रूठ जाना तो मोहब्बत की अलामत है मगर
क्या खबर थी मुझसे वो इतना खफा हो जाएगा

3 comments:

बाल भवन जबलपुर said...

वाह भैया क्या बात है

Udan Tashtari said...

धन्यवाद इसे प्रस्तुत करने का.

Majaal said...

रूठी है इतने दिनों से, जो मुस्कुरादे ये जिंदगी,
उसका न जाएगा कुछ, पर हमारा नफा हो जाएगा ...

बहुत खूब, लिखते रहिये ...

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