तुझ सी सूरत नहीं मिलती है मुझे लाखों में
आजकल नींद नहीं आती है मुझे रातों में
वही दीवार वही दर है वही चौखट है
पर नहीं कोई खड़ा पानी लिए हाथों में
चाँद तारे नहीं अब और न परियों का हुजूम
मुख़्तसर लोरी नहीं गाता कोई अब रातों में
दिन गुज़र जाता है इस भीड़ में तन्हां-तन्हां
अश्क़ होते हैं भरी आँख बातों-बातों में
देर से आने पर अब कौन नसीहत देगा
कौन दे हौसला मुश्किल भरे हालातों में
तर्ज़ुमानी मैं तेरे प्यार की कैसे कर दूं
तू मुश्किल है ढल पाना मेरे खयालातों में
क़तरा-क़तरा है लहू मेरा तेरे कर्ज़े में
तेरा मुजरिम हूँ खड़ा हाथ लिए हाथों में
रंज इस बात का जीने नहीं देता मुझको
कुछ कमी रह गई थी मेरे ही ज़ज्बातों में
अब चली आ या बुला ले मुझे भी पास तेरे
मेरा दिल भर गया रिश्तों की ख़ुराफातों से
आजकल नींद नहीं आती है मुझे रातों में
वही दीवार वही दर है वही चौखट है
पर नहीं कोई खड़ा पानी लिए हाथों में
चाँद तारे नहीं अब और न परियों का हुजूम
मुख़्तसर लोरी नहीं गाता कोई अब रातों में
दिन गुज़र जाता है इस भीड़ में तन्हां-तन्हां
अश्क़ होते हैं भरी आँख बातों-बातों में
देर से आने पर अब कौन नसीहत देगा
कौन दे हौसला मुश्किल भरे हालातों में
तर्ज़ुमानी मैं तेरे प्यार की कैसे कर दूं
तू मुश्किल है ढल पाना मेरे खयालातों में
क़तरा-क़तरा है लहू मेरा तेरे कर्ज़े में
तेरा मुजरिम हूँ खड़ा हाथ लिए हाथों में
रंज इस बात का जीने नहीं देता मुझको
कुछ कमी रह गई थी मेरे ही ज़ज्बातों में
अब चली आ या बुला ले मुझे भी पास तेरे
मेरा दिल भर गया रिश्तों की ख़ुराफातों से
3 comments:
खूबसूरत गज़ल
रंज़ इस बात का जीने नहीं देता मुझको
कुछ कमी रह गई थी मेरे ही ज़ज्बातों में
अब चली आ या बुला ले मुझे भी पास तेरे
मेरा दिल भर गया रिश्तों की ख़ुराफातों से
बेहतरीन शानदार गज़ल ……………बहुत सुन्दर भावो को पिरोया है।
Behad achhee rachana hai...sirf wartanee me sudhar layen to char chand lag jayenge...jaise"hojoom" chahiye na ki"hozoom" Usee tarah"ranj"tatha "mujrim" ."Z" ke badle " j" ka prayog karen.Aasha hai aap bura nahee manenge!
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