राह में फूल बिछे होंगे
न सोचा मैंने कभी, न तू सोच
कुछ मिले न मिले
ये पत्थर तो हर जगह हैं ही
खुद से न किसी से शिकायत कोई
कि जो मेरी तरफ आएगा
वो पत्थर ही होगा
साभार :- इन्दू जी
लोग कहते हैं कि मेरा अंदाज़ शायराना हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब जाकर ये अंदाज़ पाया है...
1 comment:
असल में चल तो हम रहे हैं, हम दूसरों की तरफ जा रहे हैं दूसरे हमारी तरफ नहीं आ रहे हैं
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