इस क़दर उसका ऐतबार किया
टूटकर मैंने उसको प्यार किया
उसके आने की आस टूट गई
मैंने खुद अपना इंतज़ार किया
वास्ता मेरा पत्थरों से रहा
रास्ता जो भी इख्तियार किया
लोग कहते हैं कि मेरा अंदाज़ शायराना हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब जाकर ये अंदाज़ पाया है...
Thursday 17 March 2011
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2 comments:
बहुत खूब.
bahut sundar...kafi dino baad aapki post aayi...
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