तुमने मेरे पथरीले घर में क़दम रखा
और वहाँ से एक मीठे पानी का
झरना फूट पड़ा...
मैं इस करिश्मे से ख़ुश हूँ
और परेशान भी
अगर मुझे मालूम होता कि
इस ख़ुशी के एवज़ में
उदासी तुम्हारे दिल में
घर कर जाएगी
तो मैं सोचता भी नहीं
कमबख्त तेरे बारे में...
और वहाँ से एक मीठे पानी का
झरना फूट पड़ा...
मैं इस करिश्मे से ख़ुश हूँ
और परेशान भी
अगर मुझे मालूम होता कि
इस ख़ुशी के एवज़ में
उदासी तुम्हारे दिल में
घर कर जाएगी
तो मैं सोचता भी नहीं
कमबख्त तेरे बारे में...
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