Friday 10 February 2012

एक पिता का बेटी से रिश्ता...









मुझे गर्व है तुम पर

 


एक पिता ने एक प्रतियोगिता में अपनी बेटी के साथ अपने रिश्ते के बारे में लिखा- "मेरी बेटी के साथ मेरा रिश्ता मुझे हमेशा आश्चर्यचकित कारता है। यह वास्तविकता मुझे दिन में कई बार अभिभूत कर जाती है कि मैं एक बेटी का पिता हूँ। इस खुशी को व्यक्त करना नामुमकिन है। कोई शब्द बना ही नहीं, खोजा ही नहीं गया। यह पूरी तरह मौलिक है, इसे किसी शब्द की जरूरत ही नहीं है। उसकी आँखों में मैं अपनी कमियों का पूर्ण पाता हूँ। उसके लिए मैं दुनिया का ऐसा इंसान हूँ जिसमें कोई खामी नहीं है। मैं उसका डैड हूँ, उसके लिए सुपरमैन से भी ज्यादा ताकतवर। उसकी आँखों में मैं अपनी माँ को देखता हूँ, अपनी बहन को पाता हूँ, यहाँ तक कि मेरी कुछ पुरानी शिक्षिकाएं भी उस वक्त उसमें साकार हो जाती हैं, जब वह कहती है, अरे! डैडी आपको तो कुछ भी नहीं मालूम। उसकी आँखों में मैं उन महिलाओं को देख पाता हूँ, जिन्हें मैंने अपने पिछले जीवन में किसी न •िसी तरह दुख पहुंचाया। अपनी बेटी के सहारे मैं उन सब से माफी मांगना चाहता हूँ। उन तमाम शब्दों के लिए जिसने उनका दिल दुखाया और उन तमाम हरकतों के लिए जिनसे उन्हें चोट पहुंची। अपनी बेटी की आँखों में मैं उस स्त्री की छवि देखता हूँ जिसके साथ मैं एक सुखद भविष्य गुजार रहा हूँ, उसकी माँ। मैंने दुनिया को आगे बढ़ाने के लिए उसकी अगली पीढ़ी दी है। मैं खुश हूँ कि मैं दुनिया को इतनी खूबसूरती सौंप रहा हूँ। मुझे गर्व है कि मैंने सृजन किया है और सबसे ज्यादा गर्व है कि मैं एक बेटी का पिता हूँ।"

1 comment:

kshama said...

Man prasann ho gaya padhke!

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