लोग कहते हैं कि मेरा अंदाज़ शायराना हो गया है पर कितने ज़ख्म खाए हैं इस दिल पर तब जाकर ये अंदाज़ पाया है...
Saturday 31 December 2011
नववर्ष पर मासूमियत की फ़रियाद
ऐ मालिक तेरे बन्दे हम हर लो हमारे सारे ग़म सब रहें सुख चैन से कोई किसी पे न करे सितम सब हमेशा मुस्कराते रहें न हों कभी किसी की आँखें नम न हो कहीं मारकाट न फूटे कहीं बम
2 comments:
हर क्षण मंगलमय हो..
Bahut maasoom aur khoobsoorat kamana hai!
Naya saal bahut,bahut mubarak ho1
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