Monday, 10 May 2010

This is My BIRTHDAY TODAY...

"यह भी दिन बीत गया।
पता नहीं जीवन का यह घड़ा
एक बूंद भरा या कि एक बूंद रीत गया।"

उठा कहीं, गिरा कहीं, पाया कुछ खो दिया
बंधा कहीं, खुला कहीं, हंसा कहीं, रो दिया।
पता नहीं इन घडियों का हिया
आंसू बन ढलकाया कुल का बन गीत गया।

इस तट लगने वाले और कहीं जा लगे
किसके ये टूटे जलयान यहां आ लगे

पता नहीं बहता तट आज का
तोड़ गया प्रीति या कि जोड़ नए मीत गया।

एक लहर और इसी धारा में बह गई
एक आस यों ही बंशी डाले रह गई
पता नहीं दोनों के मौन में
कौन कहां हार गया, कौन कहां जीत गया।

लो... एक और दिन बीत गया...



रचनाकार: रामदरश मिश्र

5 comments:

kshama said...

Bahut hi sundar rachnase ru-b-ru karaya!
Janam din mubarak ho1

Creative Manch said...

पता नहीं दोनों के मौन में
कौन कहां हार गया, कौन कहां जीत गया।
लो... एक और दिन बीत गया...

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आह ..... बहुत सुन्दर
लाजवाब पंक्तियाँ रची हैं
आभार
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जन्म-दिन की हार्दिक शुभ कामनाएं
लेकिन हम भारतीय लोगों को कोई चीज जब तक अंग्रेजी में न मिले तो उसका महत्त्व नहीं रहता इसलिए ....
HAPPY BIRTH DAY

Alpana Verma said...

Wish you a very very Happy birthday Ramkrishn.
Ishwar kare tumhen manchahi har khushi mile.

Kavita Lajawab likhi hai.

Shubham Jain said...

wish u a very happy b'day...

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत ही सुंदर रचना. जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं.

रामराम.

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